Sunday 23 February 2014

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क

24 फरवरी: केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
देश भर में 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया गया. आज ही के दिन वर्ष 1944 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक कानून बनाया गया था.

देश के औद्योगिक विकास में केंद्रीय उत्पाद शुल्क  विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है. इस विभाग ने करों का भुगतान आसान करने के लिए कर प्रणाली में सुधार किया और तकनीकों के प्रयोग बढ़ाया. कोई भी राष्ट्र बिना किसी मजबूत अर्थ व्यवस्था के प्रगति नहीं कर सकता. अर्थ व्यवस्था मजबूत तभी हो सकती है जब हम अपनी जिम्मेवारी राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए पूरी निष्ठा के साथ निभा पायें.  चाहे वह राज नेता हो, शासकीय अधिकारी/कर्मचारी  हो  चाहे वह आम आदमी क्यों न हो.  हमारे देश का वित्तीय प्रबंध पूर्ण रूपेण जनता से वसूले जाने वाले विभिन्न करों (टेक्स) पर निर्भर है. चाहे वह आय कर हो, विक्रय कर हो, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हो, सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) हो आदि आदि. केंद्रीय उत्पाद शुल्क के बारे में आम जनता उतनी भिग्य नहीं है क्योंकि यह अप्रत्यक्ष कर है. खेती करके उगाये गये पदार्थों को छोड़ कारखानों में निर्माण किये जा रहे प्रायः सभी वस्तुओं पर उत्पादन शुल्क लगता है जिसकी शुरुवात 24फरवरी 1944 से हुई. अतएव 24 फरवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क "दिवस" के रूप में मनाया जाता है.   लगभग देश की समूची आमदनी का 1तिहाई हिस्सा उत्पादन शुल्क से प्राप्त होता है.  1994 से विभिन्न प्रकार की सेवाओं को भी कर योग्य सेवाओं की श्रेणी में रखा गया है जैसा कि सेवा प्रदाता द्वारा उन सेवाओं  के एवज में  बड़ी राशि चार्ज की जाती है. यह सेवा कर संग्रहण का दायित्व भी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के पास ही है.  यह विभाग केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन ही कार्य करता है।

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